झारखंड में इंडिया अलायंस की जीत के पीछे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की योजनाओं और राजनीतिक रणनीतियों ने बड़ी भूमिका निभाई। दूसरी और उनके पत्नी का भी इस चुनाव में अहम भूमिका रहा मैयां सम्मान योजना, जिसे उनकी सरकार ने लागू किया, इसका खासा असर दिखा। इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये की सम्मान राशि दी जा रही थी, जिसे दिसंबर से 2500 रुपये करने का वादा किया गया है। जिससे बड़े पैमाने पर महिला वोटरों का झुकाव जेएमएम और इंडिया अलायंस की ओर हुआ।
बीजेपी ने आदिवासी वोटों को गोलबंद करने और मुस्लिम वोटों को अलग करने की रणनीति अपनाई। इसके लिए बांग्लादेशी घुसपैठ जैसे मुद्दों को उठाया, लेकिन यह कार्ड सफल नहीं हो सका। जेएमएम और इंडिया अलायंस ने हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच विभाजन की इस कोशिश को विफल कर दिया। मुस्लिम वोटों का बड़े पैमाने पर इंडिया अलायंस के पक्ष में जाना और आदिवासी वोटों का संगठित रूप से समर्थन करना बीजेपी की हार का प्रमुख कारण बना।
हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और जेल जाने की घटना ने भी चुनाव में अप्रत्याशित मोड़ दिया। उनकी गिरफ्तारी को जनता ने बीजेपी की राजनीतिक चाल के रूप में देखा, जिससे आदिवासी और अन्य समुदायों में भाजपा के खिलाफ आक्रोश बढ़ा। इस्तीफा देकर चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाना हेमंत सोरेन की रणनीतिक चाल थी, जिसने जनता का विश्वास बनाए रखा
इस जीत ने स्पष्ट किया कि योजनाओं और सामाजिक जुड़ाव के आधार पर चुनावी जीत सुनिश्चित की जा सकती है।